मित्रो, आज 22 दिन हो गए, होम आइसोलेशन में. पहले से बहुत बेहतर हूँ. खांसी और कमजोरी है, वह भी आपकी दुआओं से और डॉक्टर की बताई दवाओं से दूर हो ही जाएगी. मेरी बड़ी बेटी भी मेरे साथ ही कोरोना संक्रमित रही, वह भी रिकवरी की तरफ है. इस दौरान मेरे मित्र, मेरे सगे-संबंधी, मेरी धर्मपत्नी शशि और बेटा भूपेश भारत (पुणे) लगातार मेरी आक्सीजन बने रहे. फोन पर, संदेश से मेरा हालचाल पूछने वाले मित्र मेरी हिम्मत और मेरा मनोबल निरंतर बढ़ाते रहे.
अंजू शर्मा और
सन्दीप तोमर तो शुरुआती दिन से ही मेरे संपर्क में रहकर हर तरह की मदद को तत्पर
रहे. पंजाबी की प्रख्यात लेखिका अजीत कौर,
उपन्यासकार नछत्तर, वरिष्ठ कवि मोहनजीत के साथ साथ कवि-उपन्यासकार
बलबीर माधोपुरी, कथाकार
बलविंदर सिंह बराड़ जैसे अनेक पंजाबी लेखकों-कवियों ने राब्ता बनाये रखा और इस जंग
को जीतने की हल्लाशेरी देते रहे. हिंदी कथाकार
मित्र बलराम अग्रवाल, कवयित्री
कथाकार वन्दना गुप्ता, शोभा
रस्तोगी, मधुकांत जी,
डॉ. रूपदेव गुण, अनिल शूर आजाद, व्यंग्यकार दीपक मंजुल, कथाकार एवं ग़ज़लकार अशोक वर्मा, कथाकार राम कुमार घोटड, प्रकाशक पुनीत शर्मा (भारत पुस्तक भंडार),
नीरज मित्तल (भावना प्रकाशन) समय
समय पर मुझे बूस्ट करते रहे.
डॉ. श्याम
सुंदर दीप्ति और डॉ. श्याम सखा श्याम तो मेरे और मेरे बेटी के डॉक्टर रहे जिनकी
मेडिकल एडवाइस से इस कठिन समय से बाहर निकलने में हमें भरपूर मदद मिली. डॉ. दीप्ति तो स्वयं फोन करके हम दोनों की
प्रगति पूछते रहे. फेसबुक के बहुत सारे मित्र मुझे और मेरी
बेटी को लेकर चिंतित रहे और दुआएं करते रहे कि हम दोनों जल्द स्वस्थ हों.
मैं आप सभी का
हृदय से आभारी हूँ. इस भयावह समय में आप सब भी परिवार सहित
स्वस्थ रहें, ईश्वर से यही
प्रार्थना करता हूँ.
++
सुभाष नीरव कोरोना संक्रमण के दौरान अपने परिजनों और मित्रों का आभार व्यक्त करते हुए सभी से सुरक्षित रहने की अपील की है. कोरोना विजेता की इस कड़ी में उनसे मिलवाने का कार्य किया है रश्मि प्रभा जी ने.
सुभाष नीरव से मिलने के लिए यहाँ क्लिक करें.
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