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Saturday, 29 May 2021

विश्वास और आयुर्वेद से पोस्ट-कोविड समस्या का किया समाधान

आत्म कथ्य

2 अक्टूबर 2014 को श्री सतीश कुमार HCS वर्तमान में ओ एस डी मुख्यमंत्री हरियाणा की प्रेरणा से मंडी डबवाली से शुरू हुआ सफाई अभियान समय व सुविधा अनुसार आत्मसंतुष्टि के लिए जारी था. उसी क्रम में 1 सितंबर 2020 में श्रीमती संगीता आईएएस कमिशनर मैडम के नेतृत्व में सिरसा जिला में शुरू किया. 2 अक्टूबर 2020 को एक दिन एक पार्षद एक वार्ड सफाई कार्यक्रम का सफल आयोजन किया. 19 20 अक्टूबर 2020 को जिला सचिवालय सिरसा में नगर परिषद के सहयोग से सफाई का कार्यक्रम रखा.


20 अक्टूबर दोपहर लंच से पूर्व जब मैं कार्यरत था तो मुझे थकावट व बुखार का अहसास हुआ परन्तु घर पर सभी के रोकने के बावजूद कार्य को पूर्ण करने के लिए लंच बाद मैं पुनः चला गया. उसी रात्रि में अचानक तबीयत ज्यादा खराब हो गयी. 21 अक्टूबर को डबवाली सफाई कार्यक्रम में शामिल होने की क्षमता नहीं थी. अति विश्वशनीय व स्नेही 5 चिकित्सकों से परामर्श किया. सभी टैस्ट नार्मल थे. बुखार, जुक़ाम, खाँसी को वायरल डायग्नोज किया गया.


10 दिन के ट्रीटमैंट से स्वस्थ हुआ मग़र जीवन मे पहली बार गतिविधि बेडरूम टू बाथरूम तक सीमित हो गयी. प्रकृति, पक्षी, संगीत व पुस्तकों को साथी बनाया. नवम्बर 2020 के अंतिम सप्ताह बेटी डॉ प्रियनन्दिनी, दामाद डॉ सन्दीप हिमाचल से मिलने आये. सांस चढ़ने तथा खाँसी की वजह से मेरे इनकार करने के बाबजूद अपने साथ हिमाचल ले आये. 2 दिसम्बर को चेकअप का नया दौर शुरू हुआ. एक्सरे, सीटी टैस्ट सभी हुए. कोविड की रिपोर्ट नेगेटिव रही. एक्सरे व सिटी डॉक्टर्स के पैनल की निगाह से सामान्य नहीं थे.


14 जनवरी 2021 को सुपर स्पेशलिस्ट डॉ एस के जिन्दल चंडीगढ़ से कंसल्ट किया. मामला उन की रॉय में ये पोस्ट कोविड लँगज फोब्रेसिस था यानि सीरियस. मैडिसन शुरू हो गयी. कुछ रिलीफ़ महसूस होने लगा परन्तु दिनचर्या सामान्य नहीं थी. दोनों चिकित्सक व धर्मपत्नी त्रिवेणी सुबह से रात तक साये की तरह साथ रहे. अंत में आयुर्वेद की शरण में जाने का निर्णय लिया. ग्वालियर से पतंजलि के सर्वोत्तम चिकित्सक विजेंद्र श्रीवास्तव से परामर्श किया. औषधियाँ बहुत कठनाई से एकत्रित की परन्तु 15 दिन बाद मैं 3000 से 4000 कदम चलने लगा.


प्रभु कृपा, सभी शुभचिन्तनकों की दुआओं से काफी बेहतर महसूस कर रहा हूँ. ये आत्मकथ्य है 20 अक्टूबर 2020 से 20 अप्रैल 2021 तक का. कृत संकल्प है शीघ्र स्वस्थ भारत स्वच्छ भारत के अपने कार्य पर लौट आऊँगा.

मैं गया वक्त नहीं हूँ कि लौट के न आ सकूँ.


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कोरोना विजेता के रूप में वियोगी हरि शर्मा पारीक जी के आत्मकथ्य को रश्मि प्रभा जी द्वारा प्रस्तुत किया गया. परिजनों के सहयोग और आयुर्वेदिक उपचार से वियोगी जी कोविड और पोस्ट-कोविड से स्वस्थ हुए. 


वियोगी हरि शर्मा पारीक जी से मिलने के लिए यहाँ क्लिक करें. 


रश्मि प्रभा जी से यहाँ क्लिक करके मुलाकात की जा सकती है.

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